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तुम्हे माता रमाबाई के आशुओ एंव उनके बच्चों के कफ़न की कसम अब अत्याचार नही सहना।

तुम्हे माता रमाबाई के आशुओ एंव उनके बच्चों के कफ़न की कसम अब अत्याचार नही सहना।
गुजरात: ऊना शहर में कथित हिंदुत्व की दुहाई देने वालो का विभत्स्य चेहरा सामने आया यह घटना वाइरल वीडियो के कारण प्रकाश में आया।
देश भर में इससे भी भयावह घटनाये हिन्दू धर्म की पशुतुल्य जाति व्यवस्था के कारण घटित होती रहती है किन्तु सरकार, मिडिया इन घृणात्मक, रोंगटे खड़े कर देने वाली घटनाओ पर कोई ध्यान नही देता।
कुछ माह पूर्व डॉ. रोहित वेमुला की संस्थागत हत्या भी जातिवादी आतंकवादियो के घमण्ड का परिणाम थी रोहित बहुजन महापुरुषो के वैचारिक आंदोलन का होनहार छात्र नेता था वह बुद्ध, फुले, पेरियार, बाबासाहेब अम्बेडकर के विचारो के अनुसार वैचारिक, समाजिक आंदोलन की मशाल उठाए हुए था इससे किसे तकलीफ हो सकती है?
ज्योतिबाफुले को आधी रात में हत्या करने की सुपारी कौन दे रहे थे और क्यों?
माँ सावित्री को गन्दी-गन्दी गालियाँ और गोबर, कीचड़ फेक कर समाजिक न्याय के आंदोलन में रोड़ा कौन बन रहे थे और क्यों?
बुद्ध से लेकर बाबासाहेब की हत्या की साजिश क्यों की गई थी और किस वर्ग ने की थी?
सामाजिक न्याय से सदियो से इन कथित धर्म के ठेकेदारो को परेशानी थी और आज भी है क्योकि इन्हें धर्म ग्रन्थ सर्वश्रेठ घोषित करते है "
ब्राह्मण (विप्र, द्विज, द्विजोत्तम, भूसुर)"
यस्क मुनि की निरुक्त के अनुसार - ब्रह्म जनित ब्राह्मण: -- ब्राह्मण वह है जो ब्रह्म (अंतिम सत्य, ईश्वर या परम ज्ञान) को जानता है। अतः ब्राह्मण का अर्थ है - "ईश्वर का ज्ञाता"।
जो इस झूठी, कोरी, बकवास व्यवस्था का विरोध करेगा उसे नंगा करके लोहे की रॉड से दण्डित किया जाता है, घोड़े से उतार दिया जाता है, सार्वजनिक स्थलो से पीने के पानी से वंचित किया जाता है, स्त्रियों को देवदासी बना कर अपनी हवस शांत की जाती है और उससे उतपन्न सन्तान को यही पाखण्डी हरिजन कहते है।
और इन्हें बहिष्कृत किया जाता है हद तो तब हो जाति है जब इनकी दी गई गाली शुद्र जाति का व्यक्ति होते हुए भी अपने आपको हिन्दू समझते हुए मन्दिर घण्टा बजाने जाता है तो उसको जुतो, डंडो से मारा जाता है इन्ही वर्गो के दूल्हों को घोड़ी से उतार कर मारपीट की जाती है स्त्रियों को नंग्न करके सार्वजनिक काम वासना मिटाई जाती है। यह है हिंदुत्व का क्रूर विभत्स्य चेहरा।
यह शोषित पीड़ित वर्ग हिन्दू धर्म में ही जीवन भर रहता है इसे मुस्लिमो के नाम पर मरने के लिए प्रेरित करके कथित व्यवस्था में जनसंख्या को अपने पक्ष में रखना इनका मकसद होता है।
शुद्र कही जाने वाली जातियाँ मानसिक, ईश्वरीय अन्धविश्वास के कारण कोल्हू का बैल बन कर इन जातिवादी आतंकियो की गुलाम है किन्तु इन्हें इनकी गुलामी का ऐहसास नही हो रहा है।
भारतीय संविधान के कारण जब इन वर्गो को सम्मान, स्वतन्त्रता मिल रही है तो कोई इन्हें कुत्ते का पिल्ला तो कोई सूअर कहता है और दूसरे औकात याद दिलाते है कुछ मुख से जन्मे इन वर्गो को जूते साफ़ करने वाला कहते है। आरक्षण से इनके पेट में मरोड़ उठते रहती है और उलटी- दस्त होती है तब शँकराचार्य जैसे धर्म गुरु शुद्रो को उनकी औकात याद दिलाते है और संविधान का मखौल उड़ाते है किन्तु अम्बेडकरवादियो को छोड़ कर अन्य कोई इन पाखंडियो का विरोध नही करता।
कलेक्टर, वैज्ञानिक भी अनपढ़ पुजारी के तलवे चाटते है तो शुद्र कही जाने वाली बेचारी गरीब जातियाँ कैसे इनके आगे नतमस्तक नही होगी?
गुजरात आज बन्द है तीन दिनों से जो प्रभावकारी विरोध प्रदर्शन चल रहा है उसे देशव्यापी वैचारिक आंदोलन बना कर समाजिक न्याय को स्थापित करने का अच्छा समय है।
गुजरात के गौ आतंकवादियों के विरोध में टीवी चैनल मौन साधे हैं, इसके बावजूद खबरें आती जा रही हैं।
सुरेंद्र नगर, राजकोट, पोरबंदर, जूनागढ़, जामनगर, अहमदाबाद, गिर सोमनाथ चांदखेडा, सौराष्ट्र के कई इलाके गौ आतंकवादियों के विरोध में आंदोलन की चपेट में आ चुके हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग तक जाम है।
बजार बंद है, आंदोलनकारी धरने दे रहे हैं. पुलिस गिरफ्तार कर रही है। राजकोट में कुछ आंदोलनकारियों ने जहर पीकर खुदकुशी करने तक की कोशिश की है। किन्तु यह जाँच का विषय है, पूर्व सूचना होने के बाद भी पुलिस रोक नहीं सकी।
आंदोलन अनुसूचित जातियो तक सीमित नहीं रहा। ओबीसी एकता मंच भी खुलकर गुजरात को आजाद कराने पर उतर आया है। ओबीसी एकता मंच के अध्यक्ष अल्पेश ठाकोर को गिरफ्तार किया गया है। सैकड़ों गिरफ्तारियां हो रही हैं, लेकिन आंदोलन तेज होता जा रहा है। सौराष्ट्र में तोड़फोड़ होने लगी है। जामनगर में आँसू गैस के गोले छोड़े गए हैं। राज्य परिवहन निगम की बस सेवा ही बंद कर देनी पड़ी है।
यह आत्म सम्मान एंव स्वाभिमान का आंदोलन बन रहा है पुरे देश की हिन्दू धर्मानुसार शुद्र जातियाँ अपना पुराना घृणित कार्य बन्द करे और संघ, विश्व हिन्दु परिषद को गायो के अंतिम संस्कार करने के लिए आगे आना चाहिए माँ को अंतिम समय में उसे विदाई अब गौ भक्तो को ही करना होगा।
जातिवादी आतंकवाद से आजादी चाहिए तो बाबासाहेब अम्बेडकर के दिए बौद्ध धम्म अनुसार आचरण करो अपने आपको शुद्र कहना छोड़ दो घृणित कार्य छोड़ कर इनके आगे नाक मत रगड़ो स्वभिमान के साथ जय भीम-जय भारत बोलो।
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