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अब आरक्षण भी मिलना बन्द हुआ..

दिल्ली यूनिवर्सिटी में ओबीसी-एससी-एसटी के छात्रों को दाखिला नहीं दिया जा रहा है। ना तो उन्हें आरक्षण कोटे के तहत दाखिला मिल पा रहा है और ना ही जेनरल कैटेगरी में दाखिला मिल रहा है। दरअसल कॉलेज प्रशासन की माने तो जिन छात्रों ने आरक्षण कोटे के तहत एडमिशन के लिए अप्लाई किया है और उनके पास कागजात पुख्ता नहीं है, तो उन्हें ना ही आरक्षण कोटे में और ना ही जेनरल कोटे में दाखिला मिल रहा है।

आरक्षण वाले को जनरल में एडमिशन क्यों नही दिया जा रहा है?

दरअसल रिजर्व कैटेगरी के छात्रों का कटऑप अगर जेनरल कैटेगरी में आता है तो उन्हें जेनरल कैटेगरी में दाखिला मिलना चाहिए। लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन जान बूझकर आरक्षण कोटे के तहत अप्लाई करनेवाले छात्र-छात्राओं को जेनरल कैटेगरी में दाखिला नहीं दे रहे हैं। जबकि उनका कटऑप जेनरल कैटेगरी में आता है। यहीं नहीं आरक्षण कोटे में अप्लाई करनेवाले छात्र-छात्राओं को कास्ट सर्टिफिकेट में गड़बड़ी कहकर आरक्षण कोटे में भी दाखिला नहीं मिल रहा है।
छात्र हो रहे है परेशान किन्तु कोई मदत नही मिल रही है:

एससी-एसटी-ओबीसी फोरम ने डीएसडब्ल्यू से मिलकर इसकी शिकायत की है। लेकिन अबतक कोई हल नहीं निकला है। प्रशासन ऑनलाइन अप्लाई को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहा है। लेकिन इस वजह से ओबीसी, एससी-एसटी छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में लटक गया है।

अभी तक किसी राजनैतिक दल ने इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नही की हा

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