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मृत गाय की खाल निकालने के आरोप में मनु विधान से दण्डित किया गया



गुजरात: खबर मिल रही है की मृत गाय की खाल निकाल रहे अनुसूचित जाति के चार युवको को पुलिस की मौजूदकी में बेरहमी से नंगा करके पीटा गया। पीटने वाले गौ रक्षक दल के सदस्य है यह गायो की रक्षा करते है क्योकि यह इनकी माँ समान है ठीक है पशु से प्रेम तो बहुत महान कार्य है।

किन्तु मृत गाय की लाश यह स्पर्श भी नही करते चाहे वह सड़ जाएं।
यह पाखण्ड नही है तो क्या है?

जिन वर्गो से इनके बाप-दादाओ ने सदियो से यह कार्य करने पर मजबूर किया बल्कि इन्हें इस मृत गाय के मॉस को खाने पर विवश किया यदि आज वे परम्परा से चली आ रही आजिविका जूते,चप्पल और इन्ही भक्तो को ढोलकी बना कर देते है ताकि भजन करे इसी गऊ माँ के खाल का जब यह पर्श,बेल्ट,जूते उपयोग करते तब इनको कथित माँ याद नही आती है।
जब मन्दिरो में ढोलकी बजाते है तब कोई अछूत नही रहता, यह दोगला पन है या पाखण्ड?

यह गुंडागर्दी नही यह आतंकवाद है और यह आतंकवाद पुलिस के सरंक्षण में हो रहा है क्या देश अब मनुस्मृति से चल रहा है?
दोस्तों अब आप इन्हें जातिवादी नही बल्कि #जातिवादीआतंकवाद कह कर सम्बोधित करिए। रोज देश के हर हिस्से से खबर मिलती है की इन आतंकवादियो द्वारा मन्दिर प्रवेश के नाम पर या अन्य बहाना बना कर किसी न किसी तरह यह देश के अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा वर्गो पर आतंक का नंगा चरित्र दिखाते है।

तकलीफ और बढ़ जाती है जब अनुसूचित जाति-जनजाति या पिछड़ा वर्ग के लोग पीड़ितो के पक्ष में अपना विरोध दर्ज नही करते। इन्हें एंटी मुस्लिम और ईश्वर भक्ति की घुट्टी पिला-पिला कर मानसिक गुलाम बना दिया गया है।

आज इस देश में आईएस,आईपीस हो या आम नागरिक यदि वह आरक्षित वर्ग से है तो वह पशु से बदत्तर है क्यों?
आखिर फिर समाधान क्या है?

इसका एक ही समाधान, हल है की समस्त अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग शँकराचार्य की नशीहत मान ले और इनके मन्दिरो में न जा कऱ बुद्ध,फुले, साहूजी, बिरसा, पेरियार, अम्बेडकर के दिखाए मार्ग पर चले तब इन्हें अपनी आतंकी हरकतों पर विचार करना पड़ेगा वरना आरएसएस तो मान ही रहा है की हिन्दू कम हो रहे है किन्तु कम क्यों हो रहे है इस विषय पर कोई चिंतन नही है।

दोस्तों समय आ चूका है बुद्धि संगत बातो को मानने का अब और नही सहो यह जुल्मो सितम बन्द करो रोना एक हो जाओ बाबासाहेब के दिखाएँ मार्ग पर कदम बढ़ाओ।

सिद्धार्थ बुद्ध क्यों बने?
महावीर जैन क्यों बने?
गुरुनानक ने सिख धर्म क्यों बनाया?
कबीर ने क्या सन्देश दिया?
सम्राट अशोक बौद्ध क्यों बने?
विश्व के लगभग 80 देशो के अतिरिक्त अन्य देशो के नागरिक बुद्ध अनुयायी क्यों बन रहे?
फुले ने सत्य शोधक समाज क्यों बनाया? गुलामगिरी पुस्तक क्यों लिखी? उनकी हत्या कौन करवाना चाहता था और क्यों?
साहूजी महाराज के कार्यो का विरोध कौन करते थे और क्यों? नारायनागुरु, पेरियार, बिरसा और अम्बेडकर ने किस विषय को लेकर संघर्ष किया और किसके लिए अपना सर्वश न्योछावर कर दिया?

यह पढ़ो फिर जो मानना है मानो।
सच जानो फिर मानो।
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