सुनो घण्टा बजाने वालो आरक्षित वर्गो शँकराचार्य के पेट में आरक्षण की वजह से दर्द हो रहा है
छिंदवाड़ा(म.प्र) से गुरुवार को शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने निजी दौरे से लौटते वक्त कहा कि देश में किसी भी तरह के जाति आधारित आरक्षण की ज़रूरत नहीं है। क्योंकि इस तरह के आरक्षण ने देश का सत्यानाश ही किया है।
उन्होंने कहां कि महाराष्ट्र के मुख्यमन्त्री पर निशाना बनाने के लिए मराठा आरक्षण की माँग की जा रही है।
उन्होंने कहां कि महाराष्ट्र के मुख्यमन्त्री पर निशाना बनाने के लिए मराठा आरक्षण की माँग की जा रही है।
मेरा जवाब शँकराचार्य जी लगभग 5000साल से अभी तक किस जाति का आरक्षण सतत् जारी है?
देश तुर्को, हूँण, शंक, मुगलो, अंग्रेजो का लगभग 2000 वर्षो तक गुलाम किस वजह से था?
क्या उस वक्त SC,ST,OBC को आरक्षण था?
जाति आधारित आरक्षण खत्म करने की शुरुआत आप और आरएसएस वाले करे!
अगले साल से किसी चमार, महार, पासवान, यादव, कुशवाहा के लिए शँकराचार्य पद दिया जाएँ क्योकि जाति आधारित आरक्षण की शुरुआत भी आप लोगो ने ही की थी।
देश की आबादी के 85℅ अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा वर्गो की समाजिक, आर्थिक, राजनैतिक स्थित पशु से बदत्तर जिस व्यवस्था ने की उसे खत्म करने के लिए धार्मिक धरणाओ के अंत की शुरुआत आप लोग मनुस्मृति जला कर कीजिए और स्वंय को मुख से जन्म लेने की धारणा का खण्डन कीजिये।
सबसे महत्वपूर्ण जिसकी जितनी संख्या उसकी उतनी हिस्सेदारी दे दो हम आपकी माँग पर विचार करेंगे।
लेखक:
सुरेश पासवान, महासचिव
वी लव बाबासाहेब सोशल सोसाइटी
सुरेश पासवान, महासचिव
वी लव बाबासाहेब सोशल सोसाइटी
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