Header Ads

test

नरसिंह यादव को द्रोणाचार्य के अनुयायियों ने एकलव्य बनाया

मुझसे मेरा सपना बेरहमी से छीन लिया: नरसिंह यादव

भारतीय पहलवान नरसिंह ने कहा है कि उनका सपना ओलंपिक पदक हासिल कर देश का सम्मान बढ़ाने का था, जिसे छीन लिया गया है.

आखिर क्या है घटनाक्रम:
नरसिंह यादव को डोपिंग मामले में भारत की डोपिंगरोधी एजेंसी नाडा ने क्लीन चिट दी थी, लेकिन विश्व डोपिंगरोधी एजेंसी वाडा ने इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ कोर्ट ऑफ़ ऑर्बिट्रेशन (सीएएस) में अपील की थी.
गुरुवार को सीएएस ने लगभग चार घंटे चली सुनवाई के बाद वाडा की अपील स्वीकार कर ली और नरसिंह पर चार साल का प्रतिबंध भी लगा दिया था.

नरसिंह यादव पर लगाया चार साल का बैन
सीएएस के फ़ैसले के बाद नरसिंह ने कहा, ''मेरा सपना था कि मैं ओलंपिक पदक हासिल कर देश का मान बढ़ा सकूं, लेकिन मुझसे इस सपने को बड़ी बेरहमी से छीन लिया गया.''
नरसिंह का कहा है कि उन्हें साज़िशन फंसाया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके विरोधियों ने उनके खाने-पीने में कुछ 'मिलाया' था.
नरसिंह ने कहा कि वो इस फैसले से हार नहीं मानेंगे और अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे. उन्होंने कहा कि मेरा और मेरे विरोधियो का नार्को टेस्ट किया जाये.

नरसिंह यादव ने देश का गौरव बढ़ाया है
नरसिंह यादव पिछले साल विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक के अलावा 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं. इसके अलावा वह साल 2014 के इंचियोन एशियाई खेलों में 74 किलो भार वर्ग में कांस्य पदक जीत चुके हैं.
यह द्रोणाचार्य की परम्परा है
वर्षो से इस देश में षड्यंत्र,धोखा ही होता रहा है यदि हम महाभारत के पात्र एकलव्य की चर्चा करे तो स्पष्ट हो जाता है कि अयोग्य को कैसे योग्य घोषित किया जाता है यही कहानी हमेशा दोहराई जाती रही है क्योकि इस देश में कपटी, द्रोणाचार्य को सम्मान से देखा जाता है और अयोग्य अर्जुन को सर्वश्रेष्ठ धनुर्धारी के रूप में देखा जाता है तभी तों इनके नामो से सर्वश्रेष्ठ खेल पुरस्कार दिया जाता है।
सरकार-मीडिया, द्रोणाचार्य-अर्जुन को महिमामण्डित करती है और इस देश में फरेब, छल की जय-जय कारती है, झूठ का प्रोपोगेंडा चलता है। इसलिए सच, योग्य कुचला जाता है उसे हमेशा-हमेशा के लिए दफन कर दिया जाता है। जब देश की जांच एजेंसी ने नरसिंह को बेगुनाह माना और यह भी माना की नरसिंह के साथ षड्यंत्र हुआ है, फिर भी षड्यंत्रकारी कैसे अपने मंसूबो में सफल हुए? यह नरसिंह यादव का अपमान नही है बल्कि सम्पूर्ण भारत के योग्य खिलाड़ियों का अपमान है देश का अपमान है करोड़ो खेल प्रेमियो की भावनाएँ आहत हुई है। 
यह व्यवस्था और कितने एकलव्य बनाएगी?
विवेक भारती, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ,सोशल मिडिया संगठन
फेसबुक पर इस अन्याय, षड्यंत्र की घोर निंदा हो रही है। विवेक भारती, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वीं लव बाबासाहेब आईटी एंव सोशल मिडिया संगठन ने लिखा है कि "द्रोणाचार्य अर्जुन को किसी ने नहीं देखा फिर भी उनके नाम पर अवार्ड क्या कोई बताएगा ओलंपिक में एशियन गेम में अर्जुन ने द्रोणाचार्य ने कितने गोल्ड मैडल लिए थे ?
पीटी उषा के नाम पर क्यों अवार्ड नही बुधिया के नाम से क्यों अवार्ड नही .....बाकि नाम आप जोड़े"
नरसिंह यादव को एकलव्य बनाया गया है।
कपटी एंव अयोग्य की महिमा बन्द हो अब और एकलव्य नही चाहिए।
खिलाड़ियों को सरकार पर्याप्त मदत नही करती है खेल बजट कम करके आर्थिक तंगी की नौटँकी करती है किन्तु जब यही खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का जौहर दुनीयाँ को दिखाते है तब करोड़ो रूपये बरसाएँ जाते है मिडिया सुबह शाम उनका भजन करता है और देश भर में धार्मिक कर्मकाण्ड का धारावाहिक दिखाया जाता है ऐसा लगता है खिलाड़ी अपनी मेहनत से नही पूजा-पाठ से मेडल ले आये है।
पी.टी उषा, ध्यानचंद, मिल्खा सिंह अन्य कई महान खिलाड़ियों के योगदान की चर्चा हो खेलो में
खेल को धर्म से न जोड़ा जाए सभी अपनी धर्मिक मान्यताएँ अपने पास रखे सिर्फ खेल भावना की चर्चा हो ताकि अंधविश्वास को बढ़ावा न मिले।
अब अंत में दो प्रश्न
क्या नरसिंह यादव को न्याय मिलेगा?
षड्यंत्रकारियो का चेहरा कब बेनकाब होगा?

आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर, पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.
लेखक: सुरेश पासवान, राष्ट्रीय महासचिव वीं लव बाबासाहेब आईटी एंव सोशल मिडिया संगठन




In Association with Amazon.in

No comments