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गुजरात में भी अम्बेडकरवादियो की युवा टीम बनी

भरत छत्रालिया,प्रदेश उपाध्यक्ष
हर्षित बौद्ध, प्रदेश महासचिव

गुजरात: अभी भी वक्त है एक हो जाओ आपस के गिले शिकवे भूल कर बुद्ध, अशोक, कबीर, रविदास, फुले, साहूजी, बिरसा, नारायणागुरु, भगत सिंह, अम्बेडकर, विनोबा, पेरियार के संघर्षो को जानो और उनके बलिदान का सम्मान करते हुए अपना नैतिक, समाजिक एंव देश हित में मानवता के लिए संगठित हो जाओ।
राजनैतिक मत भेद भूल कर समाजिक समानता के लिए प्रबुद्ध भारत अभियान का हिस्सा बनिए।
गुजरात की प्रयोगशाला साम्प्रदायिक हिंसा, कत्लेआम के नाम से देश को कलंकित करती है। अभी एक माह पूर्व पुरे देश ने ही नही विश्व ने भारत में खतरनाक आतंकवाद का चेहरा देखा विश्व अभी तक तालिबानी, ISIS आतंक से भयभीत था किन्तु जब उसने धर्म के नाम पर "जातिवादी आतंकवाद" का घृणित चेहरा ऊना में घटित कथित गौ रक्षको की आतंकित कर देने वाली तस्वीर वीडियो के माध्यम से देखी तो मनवीय संवेदना रखने वाला हर व्यक्ति दहल गया-काप उठा जबकि इससे भी भयानक आतंक हम भारत के लोग पिछले 5000 वर्षो से देखते और सहन करते हुए आये है आए दिन देश में धार्मिक एंव राजनैतिक मान्यता प्राप्त कई संगठन स्वतन्त्र रूप से आतंक की नई-नई खोजे ईजात कर रहे है इसका मुख्य स्रोत मनुस्मृति एंव अन्य धर्म ग्रन्थ है जिसे शँकराचार्य जैसे बड़े धार्मिक पण्डित प्रमाणिक करते है। देश के राष्ट्रपति, प्रधानमन्त्री, न्यायधीश जैसे सर्वोच्च पदों पर विराजमान व्यक्ति भी इन्ही धार्मिक गुरुओ के चरण स्पर्श करते है इनके आगे नतमस्तक है अर्थात ऐसे लोगो को सरकारी मान्यता प्राप्त है।
बुद्ध, अशोक, कबीर, रविदास, फुले, साहूजी, बिरसा, नारायणागुरु, भगत सिंह, अम्बेडकर, विनोबा, पेरियार जैसे सैकड़ो महापुरुषो ने अपने-अपने समय में इस जातिवादी आतंकवाद के खिलाफ क्रान्ति की जिससे देश के लोगो को मानवीय गुणों की हकित पता चली थी बाबासाहेब अम्बेडकर ने विपरीत परिस्थितियों में जो संघर्ष किया उसे भारत ही नही बल्कि विश्व भी सम्मानजनक दृष्टि से देखता है तभी तो विश्व उन्हें ज्ञान का प्रतिक कह कर सम्बोधित करता है। ऐसा महापुरुषो के त्याग को भारत के इतिहासकार मनुवादी आकाओ के इशारे पर भुला देना चाहते है देश की युवा पीढ़ी को पाखण्ड एंव धार्मिक कोरी गप्प मान्यताओ से मानसिक गुलामी की बेड़ियों से जकड़ रहे है किन्तु अब सोशल मिडिया के कारण हजारो अम्बेडकरवादी-मानवतावादी युवा हमारे असली महानायकों-महापुरुषो से रूबरू करवा रहे है जिससे देश अब बुद्ध+अम्बेडकर युग के रूप में देख रहा है। अब अमानवीय अत्याचार, जातीय आतंकवाद के विरोध में लाखो युवा वैचारिक आंदोलन सड़को पर दिखा कर सरकार को मजबूर कर रहे है की अब धर्म के नाम पर जो आतंकवाद का खेल चल रहा है उस पर प्रतिबन्ध लगाये अन्यथा अंजाम तख़्ता पलट का नही बल्कि व्यवस्था परिवर्तन का होगा जिसका नाम है अम्बेडकरवाद, प्रबुद्ध भारत।
यह बयान सुरेश पासवान, राष्ट्रीय महासचिव, वी लव बाबासाहेब संगठन ने व्यक्त किए उन्होंने बताया की पुरे देश के सोशल मिडिया में सक्रिय अम्बडेकरवादी युवाओ को संगठित किया जा रहा है अब हम गैरराजनैतिक विचारधारा से शुद्ध अम्बेडकरवादी विचारधारा से समाजिक परिवर्तन की मशाल को देश के कोने -कोने तक पहुँचायेंगे।
इसी श्रंखला में हितेश सोलंकी, प्रदेश अध्यक्ष-गुजरात ने अपनी प्रदेश स्तरीय अम्बेडकरवादी युवाओ की जुझारू टीम की घोषणा की है उन्होंने यह टीम माला दास-राष्ट्रीय अध्यक्ष, अविनाश गाडवे-राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, विवेक भारती- राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, पंकज छायवान-राष्ट्रीय सचिव, शौर्य गौतम-राष्ट्रीय प्रवक्ता, सुरेश पासवान-राष्ट्रीय महासचिव, गजेन्द्र जाटव- संस्थापक सदस्य, हरिलाल सोलंकी-प्रदेश समन्वयक एंव अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियो के मार्गदर्शन में किया है।
प्रदेश कार्यकरणी:
1. भरत छत्रालिया- प्रदेश उपाध्यक्ष
प्रदेश महासचिव
1. हर्षित बौद्ध
2. अरुण पटेल
प्रदेश सचिव
1. भारत परमार
2. तरुण कपाडिया
3. अजय चावडा
4. मयूर दुलेरा
5. नरेश परमार
हितेश सोलंकी, प्रदेश अध्यक्ष-गुजरात
अरुण पटेल, प्रदेश महासचिव
तरुण कपाडिया, प्रदेश सचिव
मयूर दुलेरा, प्रदेश सचिव
नरेश परमार, प्रदेश सचिव
अजय चावडा, प्रदेश सचिव
भारत परमार, प्रदेश सचिव
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2 comments:

  1. जुल्मी जब जब जुल्म करेगा सत्ता के गलियारों से,
    चप्पा चप्पा गूंज उठेगा जय भीम के नारो से।

    लाठी गोली की सरकार नही चलेगी नही चलेगी

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  2. जुल्मी जब जब जुल्म करेगा सत्ता के गलियारों से,
    चप्पा चप्पा गूंज उठेगा जय भीम के नारो से।

    लाठी गोली की सरकार नही चलेगी नही चलेगी

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