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ऐसा नहीं है कि मोदी भक्त बेवकूफ है.

सोशल मीडिया की चर्चित पोस्ट..

ऐसा नहीं है कि मोदी भक्त बेवकूफ है.
और भक्त अपनी मूर्खता के कारण मोदी की हर गलती का समर्थन करते हैं.
नहीं भक्त बहुत मेहनत से तैयार किये जाते हैं,
भक्त बनाने की एक लम्बी प्रक्रिया होती है!
भक्त बनाने का एक पूरा राजनीति शास्त्र होता है. भक्त बनाने के पीछे राजनीतिक फायदे का पूरा गणित होता है.

हिटलर ने भी भक्त बनाये थे !

जब हिटलर नें एक करोड़ दस लाख लोगों की हत्या की, तब उसके भक्त हिटलर की जयजयकार कर रहे थे.
हिटलर ने अपने भक्तों के दिमाग में बैठा दिया था कि यहूदी हमारी नौकरी खा रहे हैं.
हमारी सारी समस्या की जड़ यहूदी है , यहूदियों को मार डालेंगे तो हम सुखी हो जायेंगे.
इसके बाद हिटलर ने बूढ़ो औरतों बच्चों समेत एक करोड़ से ज़्यादा लोगों को मारा, जिसमें साठ लाख यहूदी और पचास लाख दूसरे लोग भी थे.

आइये अब भारत की बात करते हैं !

भारत में संघ नें आज़ादी के पहले से ही मुसलमानों , इसाइयों और शोषितो-वंचितों के विरुद्ध नफरत फैलाने का अभियान शुरू कर दिया था.
बड़ी जातियां जो भारत में हमेशा से पैसा और सत्तावान थीं, वे संघ की जन्मदाता थीं.
इनका उद्देश्य यह था कि भारत की आज़ादी के बाद भी पैसे और सत्ता पर हमारा ही कब्ज़ा रहना चाहिये.
पिछली चार पीढ़ियों से भक्त तैयार करने का काम अब इस मुकाम पर पहुंच गया कि इन लोगों ने भारत की सत्ता पर कब्ज़ा करने में सफलता पा ली है.
भक्त दो भावनाओं से भरा हुआ रहता है .
मुसलमानों के प्रति नफरत और मुसलमानों से डर.
नफरत और डर की सबसे सशक्त अभिव्यक्ति का माध्यम होता है मुसलमानों के खिलाफ दंगा
दंगा ही इस डर और नफरत की आक्सीजन है
लंबे समय तक दंगा ना हो तो भक्त के दिमाग से मुसलमानों के प्रति डर और नफरत दोनों खत्म हो जायेगी, इसलिये संघ बीच बीच में दंगा करवाता रहता है,
मोदी जैसा बनावटी करिश्माई नेता इसलिये तैयार किया जाता है.
ताकि लोगों को नेता की भक्ति के नशे में डाल कर , देश की अर्थव्यवस्था और शासन पर कब्ज़ा किया जाय.
और जब देश को लूटा जाय तो नशे में डूबे हुए लोग कोई आपत्ति ना करें.
नफरत और डर में डूबे हुए भक्त मोदी को सिर्फ इसलिये भगवान मानते है क्योंकि मोदी नें दो हज़ार मुसलमानों को मारा और मुसलमानों को यह दिखा दिया कि हिन्दु डरने वाली कौम नहीं है. भक्त मानते हैं कि मुगलों के शासन में अपना आत्म सम्मान खो चुकी हिन्दु अस्मिता मोदी ने वापिस दिला दी.
भक्त यह भी मानते हैं कि अब अगर मोदी किसी भी मुद्दे पर नीचा देखते हैं तो उसका अर्थ होगा कि हमारे शाश्वत दुश्मन मुसलमान जीत जायेंगे मुसलमानों से हार जाने का काल्पनिक भय ही भक्तों को मोदी की हर गलत बात का समर्थन करने के लिये मजबूर करता है.
साम्प्रदायिकता की राजनीति का यही दोष है
इसमें जनता अपना भला बुरा नहीं सोच पाती
साम्प्रदायिकता के नशे में डाल कर जनता का खूब शोषण किया जा सकता है.

इसलिये हम आम जनता को और युवाओं को

साम्प्रदायिकता की राजनीति के चंगुल से निकालने के लिये काम करते हैं

ना हम रुकेंगे ना हम डरेंगे..


हिमांशु कुमार 

2 comments:

  1. जिस तरीके से लोगों के बीच में जाति और धर्म के विषय में मतभेद फैलाया जा रहा है उसे देखते हुए दिया गया यह पोस्ट हंड्रेड परसेंट सत्य है।कुछ और कपटी अपने अस्तित्व को बचाने के खातिर कहीं ऐसा ना हो एक दिन सब कुछ समाप्त हो जाए शायद ये लोग इतिहास को भूल गए हैं की इस धरती पर न जाने कितनी सभ्यता का अंत हो चुका है।

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  2. जिस तरीके से लोगों के बीच में जाति और धर्म के विषय में मतभेद फैलाया जा रहा है उसे देखते हुए दिया गया यह पोस्ट हंड्रेड परसेंट सत्य है।कुछ और कपटी अपने अस्तित्व को बचाने के खातिर कहीं ऐसा ना हो एक दिन सब कुछ समाप्त हो जाए शायद ये लोग इतिहास को भूल गए हैं की इस धरती पर न जाने कितनी सभ्यता का अंत हो चुका है।

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