जो उखाड़ना हो वो उखाड़ लो.....
मोदी सरकार अब उस फेमस गीत की याद दिला रही है जिसे गोविंदा पर फिल्माया गया था.
गीत के बोल "मैं चाहे ये करो, मैं चाहे जो करू मेरी मर्जी..."
यह कहावत भी याद आ गई " #जो_उखाड़ना_हो_वो_उखाड़_लो
देश के विश्वविद्यालय सोशल जस्टिस और डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर की विचारधारा वाले छात्रों चुन-चुन कर निपटा रहा है.
चाहे वह रोहित वेमुला हो या हाल ही में जेएनयू में सन्देहास्पद तरीके से मृत छात्र हो, नजीब का लापता होना और मद्रास आईआईटी में अम्बेडकर पेरियार स्ट्डी सर्कल पर तत्कालीन शिक्षा मंत्री मनुस्मृति ईरानी का सीधा दखल.
अब ताजा मामला पिछड़ा वर्ग से सम्बन्धित पीएचडी छात्र दिलीप यादव को संस्थागत कार्यवाही का दबाव बना कर सोशल जस्टिस पर खामोश रहने की धमकी,यह सब किसके इशारे पर हो रहा है?
दिलीप यादव ने अपने फसेबूक पोस्ट में लिखा है कि
"#JNU प्रशासन पूछ रहा है क्यों न मेरे ऊपर कार्यवाही करे बिलकुल कार्यवाही करिये, जेनयू से निकालिये हम तैयार है आपकी कार्यवाही के लिए.....
फिर दिलीप ने आगे लिखा है; याद रखिये आपने वंचितो को हायर एजुकेशन से दूर किया है, १०० परसेंट वाइवा किया है जिसमे जातिवाद को बढ़ावा दिया, लड़कियों को मिलने वाले डेप्रिवेशन पॉइंट हटा दिए. इसके बाबजूद आप चाहते है कि अकादमिक कौंसिल मीटिंग आप लोग कर लेंगे और हम लोग चुप बैठे रहेंगे. तो ये होना अब सम्भव नहीं है वाईस चांसलर साहेब. इस बार नहीं छोड़ेगे अपना हक़ जरूर लेंगे आपके इन नोटिस से हम नहीं डरने वाले.
देश भर में शिक्षण संस्थानों का यही हाल है किन्तु मीडिया इस खबर को बीजेपी से रिश्वत लेकर डकार भी नही रहा है लेकिन हम लिखेंगे साथियो हम साथ देंगे छात्रों के ऐसे न्यायसंगत आंदोलन का आप भी ऐसी खबरों पर नजर रखे और उसे सोशल साइट्स पर फैलाइये देखते है यह तानाशाह कब तक जुल्म करते है?
सुरेश पासवान की तीखी प्रतिक्रियां
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गीत के बोल "मैं चाहे ये करो, मैं चाहे जो करू मेरी मर्जी..."
यह कहावत भी याद आ गई " #जो_उखाड़ना_हो_वो_उखाड़_लो
देश के विश्वविद्यालय सोशल जस्टिस और डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर की विचारधारा वाले छात्रों चुन-चुन कर निपटा रहा है.
चाहे वह रोहित वेमुला हो या हाल ही में जेएनयू में सन्देहास्पद तरीके से मृत छात्र हो, नजीब का लापता होना और मद्रास आईआईटी में अम्बेडकर पेरियार स्ट्डी सर्कल पर तत्कालीन शिक्षा मंत्री मनुस्मृति ईरानी का सीधा दखल.
अब ताजा मामला पिछड़ा वर्ग से सम्बन्धित पीएचडी छात्र दिलीप यादव को संस्थागत कार्यवाही का दबाव बना कर सोशल जस्टिस पर खामोश रहने की धमकी,यह सब किसके इशारे पर हो रहा है?
दिलीप यादव ने अपने फसेबूक पोस्ट में लिखा है कि
"#JNU प्रशासन पूछ रहा है क्यों न मेरे ऊपर कार्यवाही करे बिलकुल कार्यवाही करिये, जेनयू से निकालिये हम तैयार है आपकी कार्यवाही के लिए.....
फिर दिलीप ने आगे लिखा है; याद रखिये आपने वंचितो को हायर एजुकेशन से दूर किया है, १०० परसेंट वाइवा किया है जिसमे जातिवाद को बढ़ावा दिया, लड़कियों को मिलने वाले डेप्रिवेशन पॉइंट हटा दिए. इसके बाबजूद आप चाहते है कि अकादमिक कौंसिल मीटिंग आप लोग कर लेंगे और हम लोग चुप बैठे रहेंगे. तो ये होना अब सम्भव नहीं है वाईस चांसलर साहेब. इस बार नहीं छोड़ेगे अपना हक़ जरूर लेंगे आपके इन नोटिस से हम नहीं डरने वाले.
देश भर में शिक्षण संस्थानों का यही हाल है किन्तु मीडिया इस खबर को बीजेपी से रिश्वत लेकर डकार भी नही रहा है लेकिन हम लिखेंगे साथियो हम साथ देंगे छात्रों के ऐसे न्यायसंगत आंदोलन का आप भी ऐसी खबरों पर नजर रखे और उसे सोशल साइट्स पर फैलाइये देखते है यह तानाशाह कब तक जुल्म करते है?
सुरेश पासवान की तीखी प्रतिक्रियां
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