ईवीएम के कीचड़ से तो कमल ही निकलेगा - केजरीवाल
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में ईवीएम मशीन में कोई भी बटन दबाने पर बीजेपी को वोट जाने की खबर के बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की बजाय बैलेट पेपेर से चुनाव कराने की मांग की है। शनिवार को दोनों ही पार्टियों ने चुनाव आयोग जाकर इस घटना की शिकायत की। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि चुनाव आयोग का यह दावा गलत है कि ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। मशीनों का सॉफ्टवेयर बदला गया है। उन्होंने कहा कि ईवीएम के कीचड़ से तो कमल ही निकलेगा।
राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग पहुंचा और दिल्ली एमसीडी चुनाव सहित गोवा और दूसरे राज्यों में आगामी चुनाव ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर की मदद से कराने की मांग रखी।
चुनाव आयोग को अपनी मांग से अवगत कराने के बाद दिग्विजय सिंह ने कहा, 'मुझे शुरू से ही ईवीएम पर भरोसा नहीं। जब सारे विश्व में चुनाव बैलेट पेपर से हो रहे हैं तो हमें क्या ऐतराज होना चाहिए? ईवीएम की चिप विदेशों से मंगाई जाती है, जिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। अगला चुनाव जहां भी हो बैलेट पेपर से ही हो। भले ही चुनाव में कुछ देरी हो जाए।' दिग्विजय सिंह ने लाल कृष्ण आडवाणी, मायावती और अरविंद केजरीवाल का भी जिक्र किया, जो ईवीएम में गड़बड़ी की बात पहले भी कह चुके हैं।
चुनाव आयोग में शिकायत के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए केजरीवाल ने कहा, 'हम बार-बार कह रहे हैं कि ईवीएम मशीनों से छेड़छाड़ की जा रही है। मध्य प्रदेश में जो हुआ वह रोंगटे खड़े करने वाली बात है। सवाल उठता है कि क्या देश में चुनाव निष्पक्षता से हो रहे हैं? अब लोग वोट डाल रहे हैं कि मशीनें? असम में भी ऐसा हुआ था। यदि हम कहते हैं कि मशीन खराब हो सकती हैं तो कभी सभी वोट कांग्रेस या समाजवादी पार्टी को भी तो जाए। ऐसा कैसे हो सकता है कि मशीन खराब होगी तो बीजेपी को ही वोट जाएगा। मैं भी टेक्नॉलजी को जानता हूं। आईआईटी से पढ़ा हुआ हूं। मशीनों का सॉफ्टवेयर बदला गया है। चुनाव आयोग कहता है कि छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। यह गलत है। मशीनें टेंपर हो सकती हैं और हो रही हैं।'
केजरीवाल ने कहा, 'किसी भी चुनाव से पहले राजनीतिक दलों को 20-25 मशीनों को चेक करके दिखा देते हैं। एक मशीन गड़बड़ निकली तो बस उसे बदल देते हैं। मैंने कहा कि आपने असम में चेक किया कि इसका सॉफ्टवेयर तो नहीं बदला गया, मध्य प्रदेश में चेक नहीं किया। जनतंत्र पर प्रश्न चिह्न लग रहा है।'
क्यो मचा है ईवीएम पर हड़कम्प?
मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ और अटेर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है। इससे पहले ईवीएम का कोई भी बटन दबाने पर कमल निशान को वोट जाने की बात सामने आई है। राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सलीना सिंह ने वीवीपेट (वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) मशीन का पत्रकारों के सामने डेमो किया। इसमें वोट के लिए बटन दबाने पर पर्ची भी निकलती है। डेमो के लिए अधिकारी ने 4 बटन दबाए, लेकिन पर्ची निकली तो पता चला कि तीन बटन से वोट कमल निशान (बीजेपी) को ही गया है।
इससे पहले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली बंपर जीत के बाद बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा था कि ईवीएम में गड़बड़ी की गई और किसी भी बटन को दबाने पर वोट बीजेपी को ही गया। मायावती ने बैलेट पेपर से दोबारा चुनाव कराने की चेतावनी दी थी। पंजाब में हार के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री ने भी ईवीएम पर सवाल खड़े किए। हालांकि उस समय कांग्रेस ने ईवीएम अविश्वास जाहिर नहीं किया था।
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राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग पहुंचा और दिल्ली एमसीडी चुनाव सहित गोवा और दूसरे राज्यों में आगामी चुनाव ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर की मदद से कराने की मांग रखी।
चुनाव आयोग को अपनी मांग से अवगत कराने के बाद दिग्विजय सिंह ने कहा, 'मुझे शुरू से ही ईवीएम पर भरोसा नहीं। जब सारे विश्व में चुनाव बैलेट पेपर से हो रहे हैं तो हमें क्या ऐतराज होना चाहिए? ईवीएम की चिप विदेशों से मंगाई जाती है, जिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। अगला चुनाव जहां भी हो बैलेट पेपर से ही हो। भले ही चुनाव में कुछ देरी हो जाए।' दिग्विजय सिंह ने लाल कृष्ण आडवाणी, मायावती और अरविंद केजरीवाल का भी जिक्र किया, जो ईवीएम में गड़बड़ी की बात पहले भी कह चुके हैं।
चुनाव आयोग में शिकायत के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए केजरीवाल ने कहा, 'हम बार-बार कह रहे हैं कि ईवीएम मशीनों से छेड़छाड़ की जा रही है। मध्य प्रदेश में जो हुआ वह रोंगटे खड़े करने वाली बात है। सवाल उठता है कि क्या देश में चुनाव निष्पक्षता से हो रहे हैं? अब लोग वोट डाल रहे हैं कि मशीनें? असम में भी ऐसा हुआ था। यदि हम कहते हैं कि मशीन खराब हो सकती हैं तो कभी सभी वोट कांग्रेस या समाजवादी पार्टी को भी तो जाए। ऐसा कैसे हो सकता है कि मशीन खराब होगी तो बीजेपी को ही वोट जाएगा। मैं भी टेक्नॉलजी को जानता हूं। आईआईटी से पढ़ा हुआ हूं। मशीनों का सॉफ्टवेयर बदला गया है। चुनाव आयोग कहता है कि छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। यह गलत है। मशीनें टेंपर हो सकती हैं और हो रही हैं।'
केजरीवाल ने कहा, 'किसी भी चुनाव से पहले राजनीतिक दलों को 20-25 मशीनों को चेक करके दिखा देते हैं। एक मशीन गड़बड़ निकली तो बस उसे बदल देते हैं। मैंने कहा कि आपने असम में चेक किया कि इसका सॉफ्टवेयर तो नहीं बदला गया, मध्य प्रदेश में चेक नहीं किया। जनतंत्र पर प्रश्न चिह्न लग रहा है।'
क्यो मचा है ईवीएम पर हड़कम्प?
इससे पहले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली बंपर जीत के बाद बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा था कि ईवीएम में गड़बड़ी की गई और किसी भी बटन को दबाने पर वोट बीजेपी को ही गया। मायावती ने बैलेट पेपर से दोबारा चुनाव कराने की चेतावनी दी थी। पंजाब में हार के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री ने भी ईवीएम पर सवाल खड़े किए। हालांकि उस समय कांग्रेस ने ईवीएम अविश्वास जाहिर नहीं किया था।
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