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अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण कानून की पूर्ण बहाली पर सांसदों के नाम पत्र

SC/SC Act की पूर्ण बहाली की मांग को लेकर सांसदों ने नाम पत्र की पहली कड़ी, शुरुआत रामविलास पासवान जी से।
सेवा में,
श्री रामविलास पासवान जी,
मा0 केन्द्रीय मंत्री, खाद्य एवं उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं जनवितरण, भारत सरकार
12, जनपथ, नई दिल्ली - 110 011
विषयः एस0सी0/एस0टी वर्ग के लोगों की सभाओं मेें जानलेवा हमले होना, सरेआम पिटाई और निर्मम हत्यायें होना, बाबा साहेब और अन्य महापुरूषों की मूर्तियोें को तोडा जाना, आरक्षण खत्म किया जाना, बजट कम किया जाना और एस0सी0/एस0टी एक्ट निष्प्रभावी किया जाना आदि मामलों में आपकी भूमिका के सम्बन्ध में।


आदरणीय महोदय,
  उपरोक्त विषयक देशहित व जनहित से जुडे महत्वपूर्ण मामलों के सम्बन्ध में भारतीय मूलनिवासी संगठन एवं एस0सी0/एस0टी वर्ग की भवनाओं केे दृष्टिगत मैं एक साधारण सा भारतीय नागरिक आपके समक्ष कुछ विचारणीय बिन्दु रखने का प्रयास कर रहा हूँ। कृपया इन बिन्दुओं से संज्ञानित होने के लिये अपने व्यस्त समय में से कुछ वक्त प्रदान कर देगें, तो मैं आपका बहुत आभारी रहूंगा।
जैसा कि आप जानते ही हैं कि देश की आजादी और संविधान लागू होने से पहले एस0सी0/एस0टी वर्ग के लोग हिन्दुओं की मनुस्मिृति के आधार पर बनाई गई वर्ण व्यवस्था के अन्र्तगत शूद्र वर्ग के भी उपवर्ग अर्थात अछूत वर्ग की निम्न कही जाने वाली उन जातियों का हिस्सा थे, जिनको ना तो पढने का अधिकार था, ना पक्के घर बनाने का अधिकार था, ना सम्पत्ति एकत्र करने का अधिकार था और ना ही गांव के अन्दर रहने का अधिकार था। गांव प्रधान, पार्षद, ब्लाक प्रमुख, विधायक, सांसद या मंत्री बनने का तो सपना भी नहीं देख सकते थे। परन्तु बाबा साहेब डा0 भीमराव आम्बेडकर के लम्बे संघर्ष और पूना पैक्ट के बाद निर्मित भारतीय संविधान में निहित राजनैतिक आरक्षण की व्यवस्था की वजह से आज आप सांसद जैसे गौरवमय पद पर विराजमान हैं। चॅूकि बाबा साहेब ने यह समझा था कि किसी भी समाज की आर्थिक, शैक्षिक, सामाजिक और सांस्कृतिक समस्याओं को हल करने की कुंजी राजनैतिक शक्ति है। इसीलिये उन्होने भारत के संविधान में राजनीति के हर स्तर पर आरक्षण की व्यवस्था की थी। जिससे कि इस समाज के सांसद और विधान सभाओं में चुने हुऐ नेता न केवल एस0सी0/एस0टी वर्ग के लिये संविधान में प्राविधानित अधिकारों की रक्षा करेंगे बल्कि समय और परिस्थितियों के बदलाव के साथ-साथ और अधिक अधिकारों को दिलवाना भी सुनिश्चित करेंगे। बाबा साहेब का यह कहना था कि जिस रथ को बडे संघर्ष के बाद मैं यहां तक लेकर आया हूॅ उसे यदि आगे ना बढा सको तो उसे इसी हालात में छोड देना परन्तु किसी भी हालात में उसे पीछे नहीं जाने देना हैं। 

श्री सुब्रामन्यम स्वामी जी कहते हैं कि हम आरक्षण को उस हालात में कर देंगे जिसका होना या ना होना बराबर होगा। यह बेहद पीडादायक है कि स्वामी जी के बयान पर किसी भी एस0सी0/एस0टी वर्ग के सांसद की ओर से कोई भी प्रतिक्रिया नही आई। आने वाले वक्त में जब ये संविधान बदल देंगे या बिना बदले ही राजनैतिक आरक्षण समाप्त कर देंगे, तो पुनः अधिकार प्राप्त करना असम्भव सा हो जायेगा और यदि सम्भव भी हुआ तो ना जाने कितनी लम्बी लडाई लडनी पडेगी, ना जाने कितना धन, समय और मेहनत लगेगी? क्योंकि आज तो हमारे पास संसद भी है और विधानसभायें भी हैं जिनमें रहकर विरोध करने या कुछ कहने से अपनी बात मनवाने में सक्षम हैं। यदि राजनैतिक आरक्षण एक बार हमारे हाथों से निकल गया तो अपनी बात रखने के लिये हमारे पास कुछ भी नहीं बचेगा और हम सैंकडों साल पिछड जायेंगे। 

आप यह भी जानते हैं कि हमारे देश में दो तरह की राजनैतिक विचारधारायें हैं। एक लोकतान्त्रिक विचारधारा और दूसरी साम्प्रदायिक विचारधारा। साम्प्रदायिक विचारधारा के अन्र्तगत मुख्य रूप से राष्टृीय स्वयंसेवक संघ है, जिसका मुख्य उदद्ेश्य भारत का नाम हिन्दुस्तान रखना, संविधान बदलना, आरक्षण समाप्त करना, मनुस्मृति को लागू करना, हिन्दु राष्टृ घोषित करना और वर्ण व्यवस्था लागू करके अछूत समाज को फिर से अशिक्षा, बेरोजगारी और गरीबी के अंधकार में धकेलकर मानसिक रूप से अपना गुलाम बनाकर रखना है। अभी हाल ही में आर0एस0एस0 ने मेरठ में राष्टृोदय नामक कार्यक्रम रखा था। जिसके पोस्टरों में हिन्दू धर्म के जिन पांच वर्णाें का जिक्र किया गया था वो थे-ब्राहमण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र और अछूत/अस्र्पश्य। जिसमें डा0 आम्बेडकर और संत रविदास को अस्र्पश्य लिखा था। वर्तमान समय में इस वर्ण व्यवस्था का विरोध संसद में आपको करना चाहिए था, परन्तु आपकी चुप्पी के कारण इन पोस्टरों का भारी विरोध एस0सी0/एस0टी वर्ग के युवाओं को करना पडा। परिणामतः आर0एस0एस0 को विवादित पोस्टरों को हटाना पडा। परन्तु फिर भी उन्होने अपनी सोच व विचारधारा का खुलकर प्रचार किया।
भाजपा के मंत्री श्री अनंत हेगडे संविधान को बदलने की बात खुलेआम कह चुके हैं। इस प्रकार संविधान बदलने मात्र से ही एस0सी0/एस0टी वर्ग के समस्त अधिकार छीन लिये जायेंगे। जिसमें इन वर्गाें का राजनैतिक आरक्षण भी शामिल है।

सम्भवतः आपको यह भी ज्ञात होगा कि ये सब प्रक्रियायेें पूरी वे करेंगे कैसे? किसी भी नियम या कानून में बदलाव के लिये लोकसभा और राज्य सभा में बहुतमत का होना जरूरी होता है। आर0एस0एस0 भाजपा को ढाल बनाकर 2019 मंे लोकसभा चुनाव जीतने के बाद सन् 2022 तक वे राज्यसभा में भी बहुमत में होंगे और फिर संविधान बदलने का इनका सपना पूरा हो जायेगा। फिर ये हमारे देश को हिन्दू राष्टृ घोषित करके मनुस्मृति लागू कर देगें तथा एस0सी0/एस0टी एवं अन्य पिछडे वर्गाें के आर्थिक, सामाजिक, और शैक्षिक अधिकारों को बहुत हद तक सीमित कर देंगे। बडे दुख की बात यह होगी कि इस कार्य में आपकी भागीदारी भी शामिल रहेगी। यानि यह अपने पैरों पर कुल्हाडी मारने जैसा तो होगा ही साथ ही साथ बाबा साहेब के पूरे संघर्ष पर पानी फेरकर एस0सी0/एस0टी और अन्य पिछडे वर्गाें की लगभग 100 करोड आबादी को फिर से गर्त में डालने का काम होगा। ऐसा भी नहीं है कि इसमें आपकी कोई निजी हानि नहीं होगी? आपकी खुद की आने वाली पीढियां भी आपको सदैव कोसेंगी। ऐसे हालात में जबकि एस0सी0/एस0टी और अन्य पिछडे वर्गाें पर चारों तरफ हमले और अत्याचार हो रहे हों तो आपकी चुप्पी हम सबको बहुत हैरान करती है।
यह बिन्दु भी किसी हद तक सही है कि किसी राजनैतिक पार्टी के कार्यकर्ता या नेता को पार्टी के दिशा निर्देशों और नीतियों पर चलना पडता है। परन्तु एस0सी0/एस0टी वर्गाें की स्थिति कुछ भिन्न है। क्योंकि इस वर्ग के सांसदों को बाबा साहेब डा0 आम्बेडकर ने आरक्षण का अधिकार इस वर्ग के सम्मान और सम्पत्ति की सुरक्षा के लिये दिया था। इसलिये इस वर्ग के सांसदों और विधायकों की पहली प्रार्थमिकता पार्टी के दिशा निदेर्शों पर चलने की नहीं बल्कि इन वर्गाें के अधिकारों और सम्मान की रक्षा करना होनी चाहिये। जब भी इन वर्गाें पर अत्याचार होता है या उनके अधिकारों को छीना जाता है तो पूरे देश के लोग आपकी ओर बडी उम्मीदों से देखते हैं। परन्तु आपकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया न आने से यह समाज बेहद निराश हो जाता हैं।
आज पूरे देश में लोकतन्त्र और भारतीय संविधान की धज्जियां उडाकर एस0सी0/एस0टी वर्ग के लोगों की सभाओं एवं कार्यक्रमों मेें जानलेवा हमले किये जा रहे हैं, जातीय आतंकवाद के तहत नौजवानों की सरेआम पिटाई की जा रही है और खुलेआम हत्यायें की जा रही हैं तथा जेलों में ठूंसा जा रहा है, महिलाओं को खुलेआम जिंदा जलाया जा रहा है। बाबा साहेब व अन्य मूलनिवासी महापुरूषों की मूर्तियां तोडकर अपमानित किया जा रहा हैं, प्रमोशन में आरक्षण बिल्कुल समाप्त कर दिया गया है और योजनाबद्ध तरीके से सरकारी संस्थाओं का निजीकरण करके आरक्षण खत्म किया जा रहा है। इस वर्ग का प्रत्येक क्षेत्र में बजट कम किया जा रहा है, और अब तो हद ही हो गई कि एक मात्र एस0सी0/एस0टी एक्ट (कानून) जो इस वर्ग के सम्मान का सुरक्षा कवच था, सुप्रीम कोर्ट के एक जज द्वारा दिये गये आदेश के माध्यम से वह भी छीन लिया गया है।
उपरोक्त दुखद परिस्थितियों के लिये अगर मुख्य रुप से कोई जिम्मेदार है, तो वे हैं लोकसभा और राज्यसभा में विराजमान एस0सी0/एस0टी वर्ग के सांसद। कृपया आप ईमानदारी और गम्भीरता से विचार करें और सोचें कि आप स्वयं क्या रहे हैं? यदि आपकों लगता है कि आप चुप रहकर समाज के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहें तो कुछ भी ना करें और यदि आपका आत्मावलोकन कहता है कि आप अपना दायित्व नहीं निभा रहे हैं तो शीघ्र ही निर्णय लीजिये और साम्प्रदायिक विचारधारा को साहस के साथ छोडकर एस0सी0/एस0टी और अन्य पिछडे वर्गाें की तरक्की के रास्ते प्रशस्त करने निश्चय करें।

अतः देशहित, जनहित एवं 100 करोड की आबादी वाले एस0सी0/एस0टी और अन्य पिछडे वर्गों के हित में आपसे विनम्र अनुरोध है कि बचा लीजियेे बाबा साहेब डा0 भीमराव आम्बेडकर जी द्वारा निर्मित भारतीय संविधान और इन वर्गाें के अधिकारांे को। यदि इस महान कार्य के लिये आपको सांसद की कुर्सी भी छोडने के लिये मजबूर होना पडे तो दे दीजिये यह बलिदान। इस बलिदान के लिये सदियों-सदियों तक आपको याद रखा जायेगा। यदि इस मुहिम में एस0सी0/एस0टी वर्ग के सभी सांसदों द्वारा एस0सी0/एस0टी एक्ट को निष्प्रभावी करने के आदेश पारित करने वाले जज के खिलाफ संसद में महाभियोग लाया जाता है तो यह प्रशंसनीय कार्य होगा। यदि सरकार की हीलाहवाली के कारण उक्त महाभियोग पारित भी नहीं हो पाता है तो इस वर्ग के समस्त सांसदो द्वारा त्यागपत्र देने का निर्णय लिया जाना चाहिये। हमें पूरा विश्वास है कि आपकी सांसद की कुर्सी भी नहीं जायेगी और एस0सी0/एस0टी एवं अन्य पिछडे वर्गाें के अधिकारों की वापसी भी हो सकेगी।
अत्यन्त सम्मान सहित,

जय भीम, जय पेरियार, जय भारत, जय मूलनिवासी
दिनांकः 25 मार्च 2018


              भवदीय
- सूरज कुमार बौद्ध, राष्ट्रीय महासचिव,
भारतीय मूलनिवासी संगठन (BMS)
   मो0न0-  +917985393258

2 comments:

  1. सही कही आप ने
    जब हमारे राजनेता ही कुछ नही कर पाएंगे और ऐसे ही चुप रह जाएंगे तो आने बाला समय मे SC/ST का कोई महत्व ही नही रहेगा!
    जय भीम/जय बाबा साहब अंबेडकर

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