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बौद्ध धम्म का गौरवशाली इतिहास अब नही छुप सकता..

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सिंह (भाषा वैज्ञानिक) बौद्ध धम्म के गौरवशाली इतिहास की सच्चाई परत दर परत उजागर कर रहे हैं अभी हाल ही में उन्होंने ने फेसबुक पर यह रोचक लेख प्रकाशित किया था आइये पढ़ते हैं!

कहा जाता है कि मेनाण्डर ने सिकन्दर से भी अधिक राष्ट्रों पर विजय पाई थी, यूनानी लेखकों ने जिसे महान विजेता बताया है। जी हाँ, वहीं मेनाण्डर ने चलाए थे - धम्म चक्क के सिक्के! धम्म चक्क के सिक्के!! धम्म चक्क के सिक्के!!!

मेनाण्डर इंडो यूनानी राजाओं में सबसे महान था। वह दूसरी सदी ईसा पूर्व में शासन करता था। उसकी राजधानी शाकल में थी। राजधानी से 200 योजन दूर कालसी नामक गाँव में उसका जन्म हुआ था। उसके बारे में कई जानकारियाँ बौद्ध ग्रंथ मिलिन्दपह्न से मिलती हैं। वह एक बौद्ध राजा था। उसने धम्म चक्क के सिक्के चलाए थे। उसका राज्य अफगानिस्तान, उत्तर- पश्चिमी सीमा प्रांत, पंजाब, सिंध, राजपूताना, काठियावाड़ और संभवत: पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ था... और एक दिन  सैनिक शिविर में उसकी मृत्यु हो गई। http://भारत में बौद्ध धम्म छुप गया और दुनियाँ में छा गया जानने के लिए पढ़िये
डॉ. राजेंद्र प्रसाद सिंह कई राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलनों, सेमिनारों एवं कार्य-शालाओं में सहभागिता तथा व्याख्यान कर चुके हैं।

6 comments:

  1. डॉ. राजेंद्र प्रसाद सिंह का कार्य अभूतपूर्व है.

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  2. डॉ राजेंद्र प्रसाद जी को कोटिसह धन्यवाद।

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  3. आपके सराहनीय कार्य से बौध्द धम्म के प्रचार-प्रसार में जागृति का संचार निश्चित है।

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  4. आपने पढ़ा इसलिए धन्यवाद

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  5. My argument is that the stone idols of Buddha all over the world was not build to showcase his greatness......was not built for us to just worship him......was not built because Buddha has so much money and wanted to be poppular......it was built for a purpose....

    Try just once to follow him, as he is...

    try to meditate under a tree by being Buddha...try just once

    you can try by putting an inverter glass on your head( so that you can conduct Electricity and Magnetism over your head... Kundalini Chakra) you might find it rediculus initially but it works...

    you can Elongate your Ears by putting some weight...

    Make sure nobody disturbs you while meditation Even by mistake....so any home/room/tent/accomodation UNDER a tree (only) can be sufficient...

    अगर बुद्ध से कुछ सीख सको तो मन खुद हीं निर्मल ओर सुखमय हो जाएगा....किताबों में लिखी बातें तो तल्वार के ज़ोर पर बदली जा सक्ती है...इसलिए बुद्ध निर्मल ओर सुखमय हैं, किताबें नहीं...शुरुआत करो....पहले बुद्ध की तरह दिखो ...सभि को पयार करो, सभि जानवर, सभि पेङ पौधों को , हमेशा सभी के बारे में सोचो ।।
    अपना बोधि बृक्ष ढूढें, उसके नीचे धयान करें ।।
    बुदध की तरह दिखें , उनकी तरह व्रत करें, वही परम ज्ञान देने वाले हैं ......बुद्ध ने कभि ये नहि बोला होगा कि मेरि मूरती की पूजा करो, उन्हे पता था, वक्त बदलेगा, कलयुग में मौत की राह में संसार , अंत से पहले, शायद कोइ अपना आंख खोल कर उन्की मूरती से कुछ सीख ले...और बच सके ।।।

    सर्वे बुद्धम भवति !! सर्वे कमले गृहाप्शा !! सर्वे विंद्ति सर्वाणि !! हरिमर्क्षतिं सर्वदा !!!

    【 भवतु सब्ब मंगलं 】


    जय बुध्दा ! जयभीम !! जय प्रबुद्ध विष्व !!!

    ‎BUDDHISM IS NOT A RELIGION—IT’S A SYSTEM TO RAISE CONSCIOUSNESS

    Lets Experiment with Truth...be Buddha
    ~प्रभात~

    ReplyDelete
  6. My argument is that the stone idols of Buddha all over the world was not build to showcase his greatness......was not built for us to just worship him......was not built because Buddha has so much money and wanted to be poppular......it was built for a purpose....

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    अगर बुद्ध से कुछ सीख सको तो मन खुद हीं निर्मल ओर सुखमय हो जाएगा....किताबों में लिखी बातें तो तल्वार के ज़ोर पर बदली जा सक्ती है...इसलिए बुद्ध निर्मल ओर सुखमय हैं, किताबें नहीं...शुरुआत करो....पहले बुद्ध की तरह दिखो ...सभि को पयार करो, सभि जानवर, सभि पेङ पौधों को , हमेशा सभी के बारे में सोचो ।।
    अपना बोधि बृक्ष ढूढें, उसके नीचे धयान करें ।।
    बुदध की तरह दिखें , उनकी तरह व्रत करें, वही परम ज्ञान देने वाले हैं ......बुद्ध ने कभि ये नहि बोला होगा कि मेरि मूरती की पूजा करो, उन्हे पता था, वक्त बदलेगा, कलयुग में मौत की राह में संसार , अंत से पहले, शायद कोइ अपना आंख खोल कर उन्की मूरती से कुछ सीख ले...और बच सके ।।।

    सर्वे बुद्धम भवति !! सर्वे कमले गृहाप्शा !! सर्वे विंद्ति सर्वाणि !! हरिमर्क्षतिं सर्वदा !!!

    【 भवतु सब्ब मंगलं 】


    जय बुध्दा ! जयभीम !! जय प्रबुद्ध विष्व !!!

    ‎BUDDHISM IS NOT A RELIGION—IT’S A SYSTEM TO RAISE CONSCIOUSNESS

    Lets Experiment with Truth...be Buddha
    ~प्रभात~

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