मुझे मार सकते हो, मेरी विचारधारा को नहीं - श्रेयत बौद्ध
हम बुद्ध, फुले, पेरियार, बिरसा और अम्बेडकर की जय बोलते हैं तो इन्हें बुरा लगता हैं।
क्योंकि हम उन महापुरुषों का सम्मान करते हैं जिन्होंने मनुवाद को जड़ से हिला दिया था, इनके षड्यंत्र की पोल खोल दी थी।
हम इनके झूठे आदर्शो को चुनौती दे रहे हैं हम विद्या की देवी उसे मान रहे हैं जिस फुले दम्पत्ति ने देश का हर वर्ग के लिए पहला विद्यालय खुलवाया था और माँ सावित्रीफुले ने घोर अपमान के बावजूद विधवा स्त्रियों , अछूत कहे जाने वाले बालक बालिकाओ के लिए शिक्षा की क्रांति की उसे सम्मान देते हैं।
तो इन्हें सच से डर लग रहा है क्योंकि झूठ का पर्दाफाश हो रहा है, तभी तो IIT madras में अम्बेडकर - पेरियार स्ट्डी सर्कल पर केंद्रीय मंत्री के हस्तक्षेप पर बेन लगा दिया जाता है और रोहित वेमुला की संस्थागत हत्या कर दी जाती हैं।
अब नया और रौंगटे खड़ा कर देने वाला समाचार आया है हमारे अम्बेडकरवादी युवा पर जानलेवा हमला हुआ है वह खून से लतपथ है किंतु उनके जज्बे को सलाम उन्होंने अपने फसेबूक पर लिखा है कि..
" मुझे मार सकते हो, मेरी विचारधारा को नहीं।
मौत भी आ जाये पर बाबासाहेब की विचारधारा की लड़ाई लड़ना नहीं छोडूंगा।
फुले-अंबेडकरी विचारधारा की बात करने पर मनुवादियों द्वारा मेरे ऊपर जानलेवा हमला कराया गया है।
जय भीम..!!
हूल जोहार..!!"
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