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वी लव बाबासाहेब संगठन की राष्ट्रीय कार्यकरणी तत्काल प्रभाव से भंग।

वी लव बाबासाहेब सोशल सोसायटी के राष्ट्रीय अधिवेशन 11 फरवरी 2018 को भोपाल में महत्वपूर्ण निर्णयों के साथ सम्पन्न हुआ।

1. राष्ट्रीय कार्यकरणी तत्काल प्रभाव से भंग।
2. राष्ट्रीय स्तर पर सोशल मीडिया में सक्रिय अम्बेडकरवादी साथियो का आईटी सेल बनाया जायेगा।
3. संगठन के आयोजनों में जो भागीदारी लगातार निभा रहे हैं अब वह ही संगठन की महत्वपूर्ण जवाबदारी निभाएंगे।
4. अगला राष्ट्रीय अधिवेशन बिहार में प्रस्तावित हैं।
5. संवैधानिक शब्दो का प्रचार-प्रसार किया जायेगा और दलित और हिंदुस्तान जैसे गैरसंवैधानिक शब्दो को प्रतिबंधित करने की माँग, इसके अतिरिक्त अन्य कई विषयों पर भी चर्चा हुई।

इस आयोजन की अध्यक्षता संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता माला दास ने की।
मुख्य अतिथि भंते विनय (बैंगलोर) विशिष्ट अतिथि इंडोनेशिया के भंते रहे।

सुरेश पासवान, गजेंद्र कुमार, राकेश महाले, राजू कपसे, नागमणी कुमार, कृष्णकांत चौरासे, उत्कर्ष जामभूलकर, सुनील गायकवाड़, आकाश सोनिया, सुग्रीव चौधरी, अजित कुमार, दीनानाथ दिवाकर, संतलाल चौधरी, कुंवरजीत सिंह, रविंद्र पाल सिंह, कुसुम चौकीकर, कैलाश चौकीकर और राष्ट्रीय परिवारिक धम्म संगोष्टी के मिलिन्द बौद्ध के अतिरिक्त भारत के विभिन्न प्रदेशों से आये बौद्ध अनुयायियों की गरिमामयी उपस्तिथि में अधिवेशन ऐतिहासिक रूप से सम्पन्न हुआ।

अशोक बुद्ध विहार समिति भोपाल के सभी पदाधिकारियों ने सहयोग प्रदान किया जिसमें अभिमान सोनवाने जी का सहयोग उल्लेखनीय हैं।

प्रबुद्ध भारत अभियान को कैसे गति दिया जाये इस विषय पर भंते विनय एंव मिलिन्द बौद्ध का उद्बोधन देश के विभिन्न हिस्सों से आये युवक युवतियों ने सराहना की साथ ही संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष माला दास ने साइबर क्राईम कानून की जानकारी दी साथ ही सोशल मीडिया द्वारा संवैधानिक दायरे में रहते हुए कैसे देश मे संविधान के प्रति जागरूकता लाया जा सके इस विषय पर जोर दिया उन्होंने ने हमारे महापुरुषों के वैचारिक आंदोलन को तेज करने के लिए युवक युवतियों को मार्गदर्शन भी दिया।

सुरेश पासवान, राष्ट्रीय महासचिव ने सोशल मीडिया को कैसे मेनस्ट्रीम मीडिया से बड़ा मीडिया बनाये और तकनीकी प्रशिक्षण दिया।
सभी पदाधिकारियों ने अपने अपने संक्षिप्त रूप में विचार भी रखे।
मंच संचालन राकेश महाले , प्रदेश अध्यक्ष(म.प्र) वी लव बाबासाहेब सोशल सोसायटी ने किया।
साथ ही उन्होंने समाजिक आंदोलन के साथ राजनीति में भागीदारी पर जोर भी दिया।

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